प्राचार्य

अंत में हार कभी स्वीकार न करें। जब तक आप परिश्रम करते हैं तब तक कोई हार नहीं होती है। कोशिश करते रहें। प्रयास करना जारी रखें। सामर्थ्यकभी न खोएं अंत में आप जीतेंगे। आज असंभव प्रतीत होता है, कल आपके दृढ़ संकल्प, समर्पण और आवेदन के साथ एक वास्तविकता बन जाएगा। आप अपने भाग्य और अपनी आत्मा के कप्तान के स्वामी हैं। आप अपने भाग्य का फैसला कर सकते हैं और अपने भाग्य को अपने प्रयासों,और कड़ी मेहनत से बना सकते हैं।
श्रीमती अर्चना यादव
प्राचार्य
पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय द्वारका